By Dr Aditya Sharma

क्या पेशाब का रंग किडनी की बीमारी का संकेत हो सकता है?

किडनी हमारे शरीर का एक बेहद महत्वपूर्ण अंग है जो ब्लड को साफ करता है, अनावश्यक पदार्थों को बाहर निकालता है, और बॉडी में पानी और मिनरल्स का बैलेंस बनाए रखता है। किडनी हमारे ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने, लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण करने, और हड्डियों की हेल्थ को बनाए रखने में भी मदद करती है। ऐसे में अगर किडनी में कोई समस्या हो, तो इसका असर पूरी बॉडी पर पड़ सकता है। इस लेख में हम जानेंगे कि क्या पेशाब का रंग किडनी की बीमारियों का संकेत दे सकता है और इसे अनदेखा नहीं करना चाहिए।

पेशाब का सामान्य रंग और उसकी अहमियत

आमतौर पर एक हेल्दी व्यक्ति के पेशाब का रंग हल्का पीला होता है। यह रंग यूरोक्रोम नामक पिगमेंट के कारण होता है, जो खून में हेमोग्लोबिन के टूटने से बनता है। पेशाब का रंग हल्के पीले से गहरे पीले रंग के बीच हो सकता है, जो निर्भर करता है कि आप कितना पानी पीते हैं और क्या खाते हैं। हालांकि, जब पेशाब का रंग सामान्य से अलग होने लगे, तो यह किडनी या हेल्थ से जुड़ी समस्याओं का संकेत दे सकता है।

पेशाब का रंग और किडनी से जुड़ी समस्याएं

कई बार पेशाब का रंग बदलना किडनी के सही तरीके से काम न करने का संकेत हो सकता है। आइए जानें कि अलग-अलग रंग किस तरह की समस्या का संकेत हो सकते हैं:

1. गहरा पीला या ऑरेंज रंग

अगर पेशाब का रंग गहरा पीला या नारंगी दिखे, तो यह डिहाइड्रेशन यानी पानी की कमी का संकेत हो सकता है। जब बॉडी में पर्याप्त पानी नहीं होता है, तो किडनी को ब्लड को फिल्टर करने में दिक्कत होती है, जिससे पेशाब गहरा हो जाता है। कुछ खास दवाइयाँ या विटामिन्स भी पेशाब का रंग बदल सकती हैं। यदि पानी पीने के बावजूद रंग ठीक न हो, तो यह किडनी की परेशानी हो सकती है।

2. गुलाबी या लाल रंग

Blood in urine?

पेशाब का गुलाबी या लाल रंग पेशाब में खून की मौजूदगी का संकेत हो सकता है, जिसे हेमेट्यूरिया कहते हैं। यह किडनी में स्टोन, इंफेक्शन, या किसी गंभीर बीमारी का लक्षण हो सकता है। ऐसी स्थिति में डॉक्टर से सलाह लेना बेहद जरूरी है।

3. चाय जैसा गहरा भूरा रंग

यदि पेशाब का रंग भूरा या चाय जैसा हो तो यह लिवर या किडनी की समस्या का संकेत हो सकता है। यह पेशाब में एक्स्ट्रा प्रोटीन, मांसपेशियों के टूटने या किडनी की खराबी के कारण हो सकता है। इसे नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए और मेडिकल सलाह लेनी चाहिए।

4. झागदार या फोमी पेशाब

यदि पेशाब में झाग हो, तो यह प्रोटीन लीक का संकेत हो सकता है। आमतौर पर किडनी बॉडी में प्रोटीन को फिल्टर करके रोकती है, लेकिन जब किडनी ठीक से काम नहीं करती है, तो प्रोटीन पेशाब में आ सकता है, जो झाग बनाता है। इसे नेफ्रोटिक सिंड्रोम का संकेत माना जा सकता है, जो किडनी की बीमारी हो सकती है।

5. पानी जैसा साफ पेशाब

जब पेशाब का रंग बिलकुल साफ या पानी जैसा हो, तो इसका मतलब है कि बॉडी में जरूरत से ज्यादा पानी है। यह कोई नुकसान नहीं है, पर अगर ये स्थिति लंबे समय तक बनी रहती है, तो बॉडी में इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी हो सकती है, जो किडनी पर दबाव डाल सकता है।

किडनी की अन्य समस्याओं के लक्षण

किडनी की बीमारी के अन्य लक्षण भी होते हैं, जो पेशाब के रंग के साथ मिलकर किडनी की हेल्थ का संकेत दे सकते हैं:

बॉडी में सूजन: खासकर पैरों, एड़ियों, और चेहरे पर सूजन होना किडनी के काम में रुकावट का संकेत हो सकता है।

पेशाब में बदबू: अगर पेशाब से अजीब सी बदबू आती है, तो यह बैक्टीरिया इंफेक्शन या यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI) का संकेत हो सकता है।

पेशाब की मात्रा में बदलाव: अगर कम पेशाब आ रहा है, तो इसका मतलब किडनी सही तरीके से काम नहीं कर रही है।

पीठ या कमर में दर्द: खासकर कमर के निचले हिस्से में दर्द, जो किडनी स्टोन या इंफेक्शन के कारण हो सकता है।

लगातार थकान और चक्कर आना: यह ब्लड में टॉक्सिन्स के बढ़ने के कारण हो सकता है, जो किडनी के ठीक से काम न करने का नतीजा है।


पेशाब के रंग में बदलाव के अन्य कारण

1. आहार और दवाइयाँ

कुछ फूड्स जैसे कि चुकंदर, ब्लैकबेरी, और फूड कलर वाले पदार्थ पेशाब के रंग को बदल सकते हैं। इसके अलावा, विटामिन्स, एंटीबायोटिक्स, और कुछ अन्य दवाइयों का भी असर पेशाब के रंग पर पड़ सकता है।

2. डिहाइड्रेशन

जब शरीर में पानी की कमी होती है, तो पेशाब गहरे रंग का हो सकता है। पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से इसका रंग हल्का हो जाता है।

3. इंफेक्शन

पेशाब में इंफेक्शन, जिसे यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन कहते हैं, पेशाब के रंग और गंध में बदलाव ला सकता है। यह अक्सर पेल्विक दर्द और जलन के साथ होता है।

किडनी की देखभाल के टिप्स

किडनी की सेहत बनाए रखने के लिए कुछ जरूरी कदम उठाए जा सकते हैं:

1. पर्याप्त पानी पिएं: डिहाइड्रेशन से बचने के लिए दिन में कम से कम 8 गिलास पानी पिएं।


2. संतुलित आहार लें: नमक और चीनी का सेवन कम करें और हरी सब्जियाँ और फल आहार में शामिल करें।


3. रेगुलर एक्सरसाइज करें: इससे ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है, जो किडनी के लिए अच्छा होता है।


4. धूम्रपान और अल्कोहल से बचें: ये दोनों चीजें किडनी पर बुरा असर डालती हैं।


5. नियमित मेडिकल चेक-अप करवाएं: खासकर अगर आपकी फैमिली में किडनी से जुड़ी बीमारियाँ हैं।



निष्कर्ष

कुल मिलाकर, पेशाब का रंग किडनी की हेल्थ का संकेत हो सकता है। यदि पेशाब का रंग बार-बार असामान्य दिखे या उसमें झाग, खून या बदबू हो, तो इसे अनदेखा नहीं करना चाहिए। किडनी की समस्याओं के लक्षणों को शुरुआती चरण में पहचान कर डॉक्टर से सलाह लेना बेहद जरूरी है। ऐसा करने से किडनी की समस्या गंभीर होने से पहले ही उसका इलाज किया जा सकता है और शरीर को स्वस्थ बनाए रखा जा सकता है।

किडनी हमारे शरीर का महत्वपूर्ण अंग है और इसे स्वस्थ रखना हमारी जिम्मेदारी है।

Red urine

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