Kidney stones are solid mineral formations that develop in the kidneys or urinary tract due to the accumulation of certain substances, such as calcium, oxalate, and uric acid. These stones can range in size from a grain of sand to a golf ball and can cause significant pain and discomfort if they become lodged in the urinary tract. In this blog post, we will discuss the symptoms, causes, diagnosis, treatment, and prevention of kidney stones.
गुर्दे की पथरी ठोस खनिज संरचनाएं होती हैं जो कैल्शियम, ऑक्सालेट और यूरिक एसिड जैसे कुछ पदार्थों के संचय के कारण गुर्दे या मूत्र पथ में विकसित होती हैं। ये पत्थर रेत के दाने से लेकर गोल्फ की गेंद तक के आकार के हो सकते हैं और मूत्र पथ में फंसने पर काफी दर्द और परेशानी पैदा कर सकते हैं। इस ब्लॉग पोस्ट में, हम गुर्दे की पथरी के लक्षण, कारण, निदान, उपचार और रोकथाम पर चर्चा करेंगे।
Symptoms:
The symptoms of kidney stones may vary depending on the size and location of the stone. Common symptoms include:
- Severe pain in the side or back, which may radiate to the lower abdomen.
- Painful urination
- Blood in the urine
- Nausea and vomiting
- Fever and chills
- Difficulty passing urine
IN HINDI
- बगल या पीठ में गंभीर दर्द, जो पेट के निचले हिस्से और कमर तक फैल सकता है
- मूत्र त्याग करने में दर्द
- पेशाब में खून आना
- जी मिचलाना और उल्टी
- बुखार और ठंड लगना
- पेशाब करने में कठिनाई
Causes:
Kidney stones can form when the urine contains too much of certain substances, such as calcium, oxalate, and uric acid. Other factors that may contribute to the formation of kidney stones include:
- Dehydration
- Family history of kidney stones
- Certain medical conditions, such as gout and hyperparathyroidism
- Certain medications, such as diuretics and antacids
- High intake of animal protein, salt, and sugar.
IN HINDI
- पानी की कमी
- गुर्दे की पथरी का पारिवारिक इतिहास
- गाउट और हाइपरपरथायरायडिज्म जैसी कुछ चिकित्सीय स्थितियां
- कुछ दवाएं, जैसे मूत्रवर्धक और एंटासिड
- मांसाहार, नमक और चीनी का अधिक सेवन
Diagnosis:
To diagnose kidney stones, your doctor may perform a physical exam, urine tests, blood tests, and imaging tests, such as X-rays, CT scans, and ultrasounds.
गुर्दे की पथरी का निदान करने के लिए, आपका डॉक्टर एक शारीरिक परीक्षण, मूत्र परीक्षण, रक्त परीक्षण और इमेजिंग परीक्षण, जैसे कि एक्स-रे, सीटी स्कैन और अल्ट्रासाउंड कर सकता है।
Treatment:
The treatment of kidney stones depends on the size and location of the stone. Small stones may pass on their own with plenty of fluids and pain medication. Larger stones may require medical intervention, such as:
- Extracorporeal shock wave lithotripsy (ESWL): uses shock waves to break the stone into smaller pieces, which can then pass through the urine.
- Ureteroscopy: uses a small scope to remove the stone from the ureter or kidney.
- Percutaneous nephrolithotomy (PCNL): involves a small incision in the back to remove the stone.
- RIRS (Retrograde Intrarenal Surgery): RIRS is a minimally invasive surgical technique that is used to remove small to medium-sized kidney stones from the renal pelvis and upper urinary tract. The procedure involves using a flexible ureteroscope (a small camera) that is inserted through the urethra and into the bladder, ureter, and kidney. Once the stone is located, a laser fiber is used to break the stone into small pieces, which are then removed through the scope or flushed out of the body with urine.
- Mini PERC (Mini Percutaneous Nephrolithotomy): Mini PERC is a minimally invasive surgical procedure that is used to remove larger kidney stones. The procedure involves making a small incision (less than 1 cm) in the back and inserting a small endoscope into the kidney. Once the stone is located, a laser fiber or pneumatic lithotripter is used to break the stone into small pieces, which are then removed through the endoscope or flushed out of the body with urine.
- Supine PCNL (Supine Percutaneous Nephrolithotomy): Supine PCNL is a minimally invasive surgical procedure that is used to remove larger kidney stones. The procedure involves making a small incision in the back and inserting a scope into the kidney. The patient is positioned in the supine position (lying on their back) instead of the prone position (lying on their stomach) which is used in the traditional PCNL procedure. Once the stone is located, a laser fiber or pneumatic lithotripter is used to break the stone into small pieces, which are then removed through the scope or flushed out of the body with urine.
- Surgery: rare cases may require surgical intervention.
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- एक्सट्रॉकोर्पोरियल शॉक वेव लिथोट्रिप्सी (ESWL): स्टोन को छोटे टुकड़ों में तोड़ने के लिए शॉक वेव्स का उपयोग करता है, जो बाद में मूत्र के माध्यम से निकल सकते हैं।
- यूरेटेरोस्कोपी: मूत्रवाहिनी या गुर्दे से पथरी को निकालने के लिए एक छोटे से दूरबीन का उपयोग करता है।
- पेरक्यूटेनियस नेफ्रोलिथोटोमी (पीसीएनएल): पथरी को निकालने के लिए पीठ में एक छोटा सा चीरा लगाया जाता है। और दूरबीन के माध्यम से पथरी को तोड़कर निकाल दिया जाता है।
- मिनी पर्क: (मिनी परक्यूटेनियस नेफ्रोलिथोटॉमी): मिनी पीईआरसी एक न्यूनतम इनवेसिव सर्जिकल प्रक्रिया है जिसका उपयोग बड़े गुर्दे की पथरी को हटाने के लिए किया जाता है। इस प्रक्रिया में पीठ में एक छोटा चीरा (1/२ सेमी से कम) बनाना और गुर्दे में एक छोटा एंडोस्कोप डालना शामिल है। एक बार जब पथरी स्थित हो जाती है, तो पथरी को छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़ने के लिए एक लेज़र फाइबर या वायवीय लिथोट्रिप्टर का उपयोग किया जाता है, जिसे बाद में एंडोस्कोप के माध्यम से हटा दिया जाता है या मूत्र के साथ शरीर से बाहर निकाल दिया जाता है।
- सुपाइन पीसीएनएल (सुपाइन पर्क्यूटेनियस नेफ्रोलिथोटोमी): सुपाइन पीसीएनएल एक न्यूनतम इनवेसिव सर्जिकल प्रक्रिया है जिसका उपयोग बड़े गुर्दे की पथरी को हटाने के लिए किया जाता है। इस प्रक्रिया में पीठ में एक छोटा सा चीरा लगाया जाता है और किडनी में एक स्कोप डाला जाता है। पारंपरिक पीसीएनएल प्रक्रिया में इस्तेमाल की जाने वाली प्रोन पोजीशन (पेट के बल लेटने) के बजाय मरीज को सुपाइन पोजीशन (अपनी पीठ के बल लेटना) में रखा जाता है।एक बार जब पथरी स्थित हो जाती है, तो पथरी को छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़ने के लिए एक लेजर फाइबर या वायवीय लिथोट्रिप्टर का उपयोग किया जाता है, जिसे बाद में दायरे से हटा दिया जाता है या मूत्र के साथ शरीर से बाहर निकाल दिया जाता है।
- आरआईआरएस (रेट्रोग्रेड इंट्रारेनल सर्जरी): आरआईआरएस एक न्यूनतम इनवेसिव सर्जिकल तकनीक है जिसका उपयोग गुर्दे की श्रोणि और ऊपरी मूत्र पथ से छोटे से मध्यम आकार के गुर्दे की पथरी को निकालने के लिए किया जाता है। इस प्रक्रिया में एक लचीले यूरेट्रोस्कोप (एक छोटा कैमरा) का उपयोग करना शामिल है जो मूत्रमार्ग के माध्यम से और मूत्राशय, मूत्रवाहिनी और गुर्दे में डाला जाता है। एक बार जब पत्थर स्थित हो जाता है, तो पत्थर को छोटे टुकड़ों में तोड़ने के लिए एक लेजर फाइबर का उपयोग किया जाता है, जिसे बाद में दायरे से हटा दिया जाता है या शरीर से बाहर निकाल दिया जाता है।
Prevention:
To prevent kidney stones from forming, you can take the following steps:
- Drink plenty of fluids, especially water.
- Limit your intake of animal protein, salt, and sugar.
- Eat a diet rich in fruits and vegetables.
- Maintain a healthy weight.
- Avoid dehydration.
- Talk to your doctor about medications that may increase your risk of kidney stones.
IN HINDI
- खूब सारे तरल पदार्थ पिएं, खासकर पानी।
- पशु प्रोटीन, नमक और चीनी का सेवन सीमित करें।
- फलों और सब्जियों से भरपूर आहार लें।
- स्वस्थ वजन बनाए रखें।
- डिहाइड्रेशन से बचें।
In conclusion, kidney stones are a common condition that can cause significant pain and discomfort. If you experience symptoms of kidney stones, it is important to see your doctor for diagnosis and treatment. By taking steps to prevent kidney stones, you can reduce your risk of developing this condition in the future.
अपने चिकित्सक से उन दवाओं के बारे में बात करें जो आपके गुर्दे की पथरी के जोखिम को बढ़ा सकती हैं। अंत में, गुर्दा की पथरी एक सामान्य स्थिति है जो महत्वपूर्ण दर्द और परेशानी पैदा कर सकती है। यदि आप गुर्दा की पथरी के लक्षणों का अनुभव करते हैं, तो निदान और उपचार के लिए अपने चिकित्सक को देखना महत्वपूर्ण है। गुर्दे की पथरी को रोकने के लिए कदम उठाकर, आप भविष्य में इस स्थिति के विकसित होने के अपने जोखिम को कम कर सकते हैं।
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