By Dr Aditya Sharma
पोस्ट एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस (PEP): संक्रमण से बचने का एक प्रभावी उपाय
परिचय
पोस्ट एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस (Post-Exposure Prophylaxis, PEP) एक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य उपाय है जो संभावित संक्रमण के बाद लिया जाता है ताकि व्यक्ति को संक्रमण से बचाया जा सके। यह मुख्यतः एचआईवी और कुछ अन्य संक्रामक रोगों के लिए उपयोगी है। कई बार ऐसा होता है कि किसी कारणवश व्यक्ति एक संक्रमण के संपर्क में आ जाता है, और उस स्थिति में PEP एक सुरक्षा कवच की तरह कार्य करता है। इस ब्लॉग में हम विस्तार से PEP के बारे में जानेंगे – यह क्या है, कैसे काम करता है, और इसके उपयोग के तरीके क्या हैं।
पोस्ट एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस (PEP) क्या है?
PEP एक चिकित्सीय उपाय है जिसमें किसी व्यक्ति को संक्रमण की संभावना के बाद एंटीवायरल दवाओं का कोर्स दिया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य संक्रमण की संभावना को खत्म करना या उसे बहुत कम करना होता है। उदाहरण के लिए, यदि किसी व्यक्ति का एचआईवी-धारी व्यक्ति के साथ संपर्क हुआ हो, तो उसे तुरंत PEP दिया जा सकता है ताकि एचआईवी संक्रमण की संभावना को कम किया जा सके।
PEP कब और क्यों लिया जाता है?
PEP आमतौर पर उन स्थितियों में लिया जाता है जब किसी व्यक्ति को संक्रामक रोग के संपर्क में आने का खतरा हो। ऐसे कुछ सामान्य उदाहरण निम्नलिखित हैं:
1. असुरक्षित यौन संपर्क – यदि कोई व्यक्ति असुरक्षित यौन संपर्क में आता है या उसके कंडोम फट जाते हैं, तो उसे एचआईवी या अन्य संक्रामक रोगों का खतरा हो सकता है।
2. सुई या अन्य उपकरण के माध्यम से संक्रमण – जैसे कि किसी एचआईवी-पॉजिटिव मरीज का खून स्वास्थ्यकर्मी के शरीर में गलती से प्रवेश कर जाए।
3. सामाजिक दुर्घटनाएं – जैसे कि एक घायल व्यक्ति का खून गलती से किसी दूसरे व्यक्ति पर गिर जाए।
4. दुष्कर्म के मामले – ऐसे मामलों में भी पीड़ित को PEP की आवश्यकता हो सकती है ताकि उसे एचआईवी से बचाया जा सके।
PEP का सही समय
PEP को एक्सपोजर के बाद जल्द से जल्द लेना चाहिए, और सामान्यत: इसे 72 घंटे के अंदर शुरू किया जाना चाहिए। जितनी जल्दी PEP शुरू किया जाएगा, उतना ही प्रभावी होता है। हालांकि, इसे समय के अनुसार धीरे-धीरे प्रभाव में कमी आती है। 72 घंटे के बाद PEP की प्रभावशीलता काफी घट जाती है, इसलिए देरी करना उचित नहीं है।
PEP का कार्य कैसे करता है?
PEP में एंटीवायरल दवाओं का एक कोर्स शामिल होता है जो वायरस को शरीर में फैलने से रोकता है। एचआईवी के मामले में, ये दवाएं वायरस के डीएनए को शरीर में संक्रमित होने से रोकती हैं। यह एक प्रकार से संक्रमण को शरीर में बसने नहीं देता, जिससे रोग की संभावना समाप्त हो जाती है।
PEP के प्रकार
PEP में दी जाने वाली दवाएं अलग-अलग होती हैं और उन्हें तीन मुख्य श्रेणियों में बांटा जा सकता है:
1. प्रारंभिक एंटीवायरल दवाएं: जैसे कि टेनोफोविर (Tenofovir) और एमट्रिसिटाबिन (Emtricitabine) का उपयोग एचआईवी के उपचार में किया जाता है।
2. अन्य एंटीवायरल दवाएं: जैसे कि रैलटग्रावीर (Raltegravir) या डोलूटग्रावीर (Dolutegravir), जो वायरस की बढ़त को रोकने में सहायक होती हैं।
3. प्रतिक्रिया से संबंधित दवाएं: शरीर में संक्रमण के खिलाफ प्रतिक्रिया को बढ़ाने के लिए उपयोगी होती हैं।
PEP कैसे लिया जाए?
PEP को एक निश्चित समय पर नियमित रूप से लेना चाहिए। यह दवा 28 दिनों के लिए दी जाती है और इसे पूरा करना आवश्यक है। अगर इस दौरान किसी भी दिन दवा का सेवन करना भूल जाते हैं, तो डॉक्टर से तुरंत सलाह लेनी चाहिए।
PEP के दुष्प्रभाव
PEP के कुछ सामान्य दुष्प्रभाव हो सकते हैं जैसे कि:
मतली और उल्टी
थकान
सिरदर्द
दस्त
पेट में दर्द
हालांकि, ये दुष्प्रभाव अक्सर हल्के होते हैं और शरीर कुछ समय में इनके अनुकूल हो जाता है। यदि दुष्प्रभाव ज्यादा हो रहे हों, तो डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
कौन ले सकता है PEP?
PEP हर उस व्यक्ति के लिए है जो संक्रमण के खतरे में है। हालांकि, इसका उपयोग सिर्फ आवश्यक स्थिति में और चिकित्सक के परामर्श के बाद ही किया जाना चाहिए। इसे ‘एहतियात’ के रूप में न लें।
PEP और इसके परिणाम
PEP संक्रमण के खिलाफ 90% तक प्रभावी होता है अगर इसे समय पर और सही तरीके से लिया जाए। हालांकि, यह 100% गारंटी नहीं है, लेकिन संक्रमण के जोखिम को काफी हद तक कम कर सकता है।
PEP से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें
इसे सिर्फ जोखिम में आने के बाद लिया जा सकता है, न कि पहले।
हर बार की स्थिति में यह जरूरी नहीं है कि PEP लिया ही जाए।
PEP को केवल एक बार ही जोखिम की स्थिति में लिया जा सकता है, बार-बार लेना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।
PEP को लेकर गलत धारणाएं
PEP को लेकर कई बार गलतफहमियां होती हैं, जैसे कि:
1. PEP एक वैक्सीन की तरह काम करता है – ऐसा नहीं है। PEP एक वैक्सीन नहीं है, बल्कि एक एंटीवायरल कोर्स है जो संक्रमण के जोखिम के बाद लिया जाता है।
2. यह सभी प्रकार के संक्रमण को रोक सकता है – PEP विशेषकर एचआईवी और कुछ अन्य विशेष संक्रमणों के लिए ही प्रभावी है, सभी वायरस या बैक्टीरिया के लिए नहीं।
3. PEP हमेशा प्रभावी होता है – 100% प्रभावी नहीं होता। PEP केवल संक्रमण की संभावना को कम करता है, इसे पूरी तरह खत्म नहीं करता।
निष्कर्ष
पोस्ट एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस (PEP) एक प्रभावी स्वास्थ्य उपाय है जो संभावित संक्रमण के बाद शरीर को संक्रमण से लड़ने की क्षमता प्रदान करता है। यह विशेषकर उन व्यक्तियों के लिए लाभकारी है जो संक्रमण के जोखिम में आते हैं, जैसे कि स्वास्थ्यकर्मी, और असुरक्षित संपर्क में आने वाले लोग। हालांकि, इसका सही उपयोग और चिकित्सकीय मार्गदर्शन बहुत जरूरी है।
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